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बीएसए के ठेंगे पर डीएम का आदेश, मृतक आश्रित कोटे से नियुक्त बाबुओं की सात माह बाद भी नहीं करायी टंकण परीक्षा


महराजगंज टाइम्स ब्यूरो:-  बेसिक शिक्षा विभाग हमेशा सुर्खियों में बना रहता है।विभाग की कार्यप्रणाली देख ऐसा लगता है कि जिम्मेदारों ने जैसे विभागीय सरकारी कामकाज नहीं सुधारने का संकल्प ले रखा है। जिले के सबसे आला अधिकारी डीएम सत्येंद्र कुमार के आदेश को भी बीएसए ठेंगा दिखा रहे हैं। स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते साल सितंबर माह में डीएम ने बीएसए समेत सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को आदेश जारी किया कि अगर उनके विभाग में मृतक आश्रित कोटे से कोई कनिष्क सहायक तैनात है तो एक सप्ताह में उनकी टंकण की परीक्षा करा लें लेकिन डीएम का आदेश जारी किये छह माह से अधिक का समय गुजर गया लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने मृतक कोटे से तैनात कनिष्ठ बाबुओं की परीक्षा नहीं करायी है।
बताते चलें कि बेसिक शिक्षा विभाग में मृतक आश्रित कोटे से कई बाबू तैनात हैं। उत्तर प्रदेश सेवा काल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती (11 संशोधन) नियमावली 2014 के अंर्तगत विभिन्न विभागों में मृतक आश्रित के रूप में कनिष्ठ सहायकों को नियुक्त कर जनपद में तैनात किया गया है। नवनियुक्त कनिष्ठ सहायकों के नियुक्ति आदेश में उल्लिखित शर्तों के आधार पर एक वर्ष की सेवा पूर्ण होने एवं टंकण परीक्षा उत्तीर्ण होने पर ही वार्षिक वेतनवृद्धि दिये जाने का प्राविधान है। ऐसी स्थिति में एक वर्ष की सेवा पूर्ण करने के उपरान्त कनिष्ठ सहायकों का टंकण परीक्षा कराया जाना अपेक्षित है। डीएम ने बीएसए समेत सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को आदेश जारी किया कि आपके विभाग में मृतक आश्रित के रूप में नियुक्त ऐसे कनिष्ठ सहायक जिन्होंने अभी तक टंकण परीक्षा उत्तीण नहीं किया है, उनका टंकण परीक्षा कराये जाने हेतु अपने स्तर से कार्यवाही कर परिणाम से अधोहस्ताक्षरी को एक सप्ताह के अन्दर अवगत कराने का कष्ट करें। 27 सितम्बर 2022 को जारी हुए इस आदेश को बीते छह माह से अधिक समय गुजर गया लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने डीएम के आदेश पर अमल नहीं किया। बताया यह भी जा रहा है बिना टंकण परीक्षा कराए ही मृतक आश्रित कोटे से नियुक्त कनिष्ठ लिपिकों को वेतन वृद्धि भी दे दी गई है। हालांकि इस मामले में जिम्मेदार स्पष्ट रूप से कुछ बताने को तैयार नहीं हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग के तीन बाबुओं ने अपनी सुविधा के लिए रखा है एक एक ऑपरेटर
सरकार का आदेश है कि सभी विभागीय बाबू कंप्यूटर टाइपिंग सीख लें। विभागीय पत्र वह खुद टाइप करें। इससे गोपनीयता बनी रहेगी लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग महराजगंज के कार्यालय में तीन प्राइवेट कंप्यूटर ऑपरेटर को बाबुओं ने अपने सहयोग के लिए रखा है। सभी गोपनीय सूचना वही टाइप करते हैं। इससे आए दिन सूचनाएं लीक होती रहती है। जिसके चलते बेसिक शिक्षा विभाग के विरुद्ध मुकदमों की अंबार है। आरोप यही लगता है कि प्राइवेट विद्यालय की मान्यता, निलंबन बहाली जैसे मामले में प्राइवेट कर्मियों के माध्यम से ही घूस लेने जैसे अनैतिक कार्य कुछ रसूखदार जिम्मेदार करा रहे हैं। पिछले पंद्रह दिन का सीसीटीवी फुटेज खंगाल लिया जाए तो बीएसए कार्यालय के अधिकांश बाबुओं के अगल बगल लैपटॉप या कंप्यूटर के सामने प्राइवेट कर्मी विभागीय सरकारी कामकाज करते हुए साफ नजर आएंगे। हैरत वाली बात यह है पता नहीं किस मजबूरी में बीएसए अपने ही कार्यालय में प्राइवेट लोगों के साथ गोपनीय कार्य कराने के मामले में चुप्पी साधे बैठे हुए हैं। मृतक आश्रित कोटे से नियुक्त बाबुओं की टंकण परीक्षा के सवाल पर बीएसए आशीष कुमार सिंह जवाब देने के लिए अपने एक बाबू को मोबाइल थमा देते हैं। बाबू ने बताया की विभाग में मृतक आश्रित कोटे से नियुक्त कनिष्ठ सहायकों की टंकण  परीक्षा अभी तक नहीं कराई गई है।

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